kamphor se paye bawasir ka illaj
बवासीर

कपूर और नारियल तेल बवासीर में वाकई काम करता है? जानिए कैसे

कपूर एक तेज़ खुशबू वाला प्राकृतिक पदार्थ है, जो अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। आयुर्वेद में इसे खास जगह दी गई है। यह न सिर्फ सर्दी-खांसी और पाचन की दिक्कतों में फायदेमंद है, बल्कि बवासीर जैसी जिद्दी बीमारी में भी असरदार हो सकता है।

अगर इसे सही तरीके और सही मात्रा में इस्तेमाल किया जाए, तो कपूर बवासीर के दर्द, सूजन और जलन को प्राकृतिक तरीके से कम करने में मदद करता है।

कपूर बवासीर में कैसे मदद करता है?

वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार, कपूर के बीज और तेल में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो बवासीर जैसे रोग में राहत देने में मदद कर सकते हैं:

  • कैप्रिक एसिड (Capric acid) – इसमें सूजनरोधी गुण होते हैं, जो बवासीर के कारण होने वाली सूजन और जलन को कम करने में सहायक हो सकते हैं।
  • लॉरिक एसिड (Lauric acid) – यह रोगाणुरोधी होता है, जिससे बवासीर के दौरान किसी तरह का संक्रमण होने का खतरा कम हो सकता है।
  • प्राकृतिक फैट्स और अमीनो एसिड्स – ये शरीर के क्षतिग्रस्त टिशू को ठीक करने और घाव भरने में मदद कर सकते हैं।
  • एंटीऑक्सिडेंट तत्व – यह शरीर में सूजन को घटाने और कोशिकाओं को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होते हैं।

ये सभी गुण बवासीर की जड़ में छिपी सूजन और संक्रमण को शांत करने में असरदार हो सकते हैं।

बवासीर में कपूर के फायदे

बवासीर जैसी तकलीफ में कपूर का इस्तेमाल काफी फायदेमंद माना गया है। इसके औषधीय गुण शरीर को ठंडक पहुंचाने और सूजन कम करने में मदद करते हैं। आइए जानते हैं कपूर कैसे राहत देता है:

1. सूजन और जलन को कम करता है

कपूर शरीर की गर्मी को संतुलित करता है और जहां सूजन होती है, वहां खून का बहाव बेहतर करता है, जिससे वह हिस्सा जल्दी ठीक होने लगता है।

जब कपूर को देसी घी या नारियल तेल में मिलाकर बवासीर वाले हिस्से पर लगाया जाता है, तो यह वहां ठंडक देता है और जलन व सूजन को कम करता है।

इसके अलावा, अगर आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह लेकर खाने वाला कपूर (भोज्य कपूर) सीमित मात्रा में लिया जाए, तो यह शरीर के अंदर की सूजन को भी कम करने में मदद कर सकता है।

2. दर्द कम करता है 

अगर किसी व्यक्ति को थ्रोम्बोस्ड पाइल्स (जिसमें गांठ में खून जम जाता है) या कटाव वाली बवासीर की समस्या है, तो कपूर का ठंडक देने वाला असर दर्द को तुरंत कम करने में मदद करता है। इसकी तेज़ सुगंध और शीतलता नसों की संवेदनशीलता को थोड़े समय के लिए कम कर देती है, जिससे पीड़ित व्यक्ति को कुछ ही मिनटों में आराम महसूस होता है।

जब कपूर को हल्के गरम नारियल तेल में मिलाकर बाहरी रूप से लगाया जाता है, तो यह न केवल दर्द को शांत करता है, बल्कि सूजन वाली नसों को भी रिलैक्स करता है।

3. संक्रमण से सुरक्षा

बवासीर के दौरान कई बार रक्तस्राव या कटाव जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिसमें संक्रमण होने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे समय में अगर साफ-सफाई का ध्यान न रखा जाए, तो मलद्वार क्षेत्र में बैक्टीरिया या फंगल संक्रमण का जोखिम रहता है। पारंपरिक आयुर्वेदिक मान्यताओं के अनुसार, कपूर में ऐसे गुण होते हैं जो बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्मजीवों की वृद्धि को रोकने में सहायक हो सकते हैं।

 4. घाव भरने में मदद करता है 

बवासीर के चलते बार-बार होने वाली सूजन से त्वचा व नसों को नुकसान हो सकता है। जिससे पुनः रक्तस्राव और दर्द की स्थिति बन जाती है। कपूर में मौजूद प्राकृतिक फैटी एसिड्स, विशेष रूप से लॉरिक और मायरिस्टिक एसिड, त्वचा की कोशिकाओं के पुनर्निर्माण में मदद करते हैं।

नियमित रूप से कपूर के मिश्रण का उपयोग करने से त्वचा पर नई कोशिकाएं बनने की प्रक्रिया को गति मिल सकती है, जिससे घाव धीरे-धीरे भरने लगते हैं। हालांकि यह असर धीरे-धीरे दिखाई देता है, लेकिन इसे लंबे समय तक राहत पाने की दिशा में एक सहायक उपाय माना जा सकता है।

5. खुजली कम करता है 

बवासीर के मरीजों को खुजली, चुभन और लगातार जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जो दिनभर परेशान कर सकती हैं। कपूर की ठंडा और आरामदायक प्रकृति ऐसी समस्याओं में काफी राहत देता है। यह त्वचा की सतह को शांत करता है और खुजली और जलन से तुरंत राहत पहुंचाता है।

अगर इसे नियमित रूप से इस्तेमाल किया जाए, तो यह खुजली की समस्या को काफी हद तक कम कर सकता है और पीड़ित व्यक्ति को रोज़मर्रा की ज़िंदगी में राहत मिल सकती है।

बवासीर में कपूर का उपयोग कैसे करें?

सामग्री:

  • 1 चम्मच नारियल तेल (शुद्ध और ठंडा प्रेस्ड)
  • एक चुटकी कपूर (खड़ कपूर या कच्चा कपूर)

तरीका:

  • कपूर को नारियल तेल में मिलाएं।
  • इसे हल्का गुनगुना कर लें (बहुत ज़्यादा गर्म न करें)।
  • फिर इस मिश्रण को बवासीर के प्रभावित बाहरी हिस्से पर हल्के हाथों से लगाएं।
  • दिन में 1-2 बार (सुबह और रात) यह प्रक्रिया दोहराएं।

बवासीर में कपूर कितने दिन खाना चाहिए?

बवासीर में कुछ लोग खाने वाला कपूर (भोज्य कपूर) लेने की सलाह देते हैं, लेकिन इसे बिना डॉक्टर की सलाह के खाना सुरक्षित नहीं है। कपूर का ज्यादा सेवन नुकसानदायक हो सकता है।

अगर किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर ने आपको भोज्य कपूर लेने की सलाह दी है, तो इसे बहुत थोड़ी मात्रा में और सिर्फ 3 से 5 दिन तक ही लें। इसे घी या मिश्री के साथ मिलाकर लिया जा सकता है, ताकि इसका असर हल्का हो और नुकसान न हो।

निष्कर्ष

बवासीर जैसी जटिल स्थिति में कपूर एक सरल, प्राकृतिक और प्रभावशाली उपाय हो सकता है बशर्ते उसका उपयोग सही मात्रा और विधि से किया जाए। ऊपर बताये गए बवासीर में कपूर के फायदे बवासीर के लक्षणों को शुरुआती अवस्था में ही काबू में लाने में सहायक हो सकते हैं।

अगर आप बवासीर की शुरुआत में ही घरेलू उपाय अपनाते हैं, तो कपूर एक बेहतरीन सहायक हो सकता है। लेकिन यदि समस्या गंभीर है, तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

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