daru kaise chode
नशा मुक्ति

दारू पीने से शरीर में कौन-कौन सी बीमारियां होती हैं–और समय रहते कैसे रोकें 

शुरुआत में शराब पीना एक साधारण आदत लग सकती है, लेकिन समय के साथ यह गंभीर लत बन जाती है। इसका नियमित सेवन लिवर, दिल, मस्तिष्क, पाचन तंत्र और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है।

यह लत व्यक्ति के साथ-साथ उसके परिवार और सामाजिक जीवन को भी प्रभावित करती है। समय रहते रोकथाम जरूरी है।

शराब छोड़ने के लिए सिर्फ दवा नहीं, बल्कि डॉक्टर की निगरानी में डिटॉक्स, काउंसलिंग, जैसे सहायता समूह और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना ज़रूरी होता है।

यह ब्लॉग पोस्ट शराब छुड़ाने की दिशा में एक उपयोगी मार्गदर्शक है, जिसमें हम इसके दुष्प्रभाव और प्रभावी उपचार के बारे में विस्तार से बताएंगे।

शराब से होने वाली प्रमुख बीमारियां:

शराब का अधिक सेवन शरीर के लगभग हर अंग को नुकसान पहुंचाता है। यह लिवर, दिल, दिमाग, पाचन तंत्र और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी कमजोर करता है।

शरीर पर इसका असर धीमे-धीमे होता है, लेकिन नुकसान गंभीर होता है। अगर समय रहते इसके दुष्प्रभाव पहचान लिए जाएं, तो बड़ा नुकसान टाला जा सकता है।

शराब के सेवन से होने वाली बीमारियों को हम निम्न प्रकार से देख सकते हैं:-  

1. शराब से होने वाली लिवर की बीमारियां:

लिवर एकमात्र शरीर का ऐसा अंग है जो खराब होने के बाद भी उचित देखभाल से अधिकांशतः पूर्व स्थिति में आ जाता है। यह हमारे शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन सेंटर होता है, क्योंकि यह शरीर के ज़हरीले पदार्थों को बाहर निकलने में सहायता करता है।इसमें होने वाली बीमारियां निम्नलिखित हैं : 

  • फैटी लिवर: शराब के कारण लिवर में चर्बी जमा हो जाती है। समय रहते शराब छोड़ने पर यह ठीक हो सकता है।
  • अल्कोहोलिक हेपेटाइटिस: इसमें लिवर में सूजन आ जाती है। लक्षण: पीलिया, पेट दर्द, बुखार। यह स्थिति गंभीर और जानलेवा हो सकती है।
  • लिवर सिरोसिस: लिवर की कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं और उनकी जगह सख्त ऊतक आ जाते हैं। यह स्थायी नुकसान है और लिवर फेलियर का कारण बन सकता है।

2. हृदय रोग (दिल की बीमारियां)

शराब का सेवन दिल और रक्त संचार प्रणाली पर सीधा असर डालता है।

  • अतालता (Arrhythmia): शराब दिल की धड़कन को अनियमित कर सकती है, जो कभी तेज़, कभी धीमी या असमान हो सकती है।
  • अल्कोहोलिक कार्डियोमायोपैथी: इसमें दिल की मांसपेशियां कमज़ोर हो जाती हैं, जिससे शरीर में खून का संचार ठीक से नहीं होता। लक्षण: थकान, सांस फूलना, पैरों में सूजन।
  • उच्च रक्तचाप (High BP): लगातार शराब पीने से रक्तचाप बढ़ता है, जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
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3. मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र पर असर

अत्यधिक शराब का सेवन आपके दिमाग के काम करने की गति को धीमा कर देती है और दिमाग के ज़रूरी संदेशवाहकों (न्यूरोट्रांसमीटर्स) को प्रभावित करती है:

  • मस्तिष्क क्षति (ब्रेन डैमेज): लंबे समय तक शराब पीने से दिमाग की कोशिकाएं नष्ट हो सकती हैं, जिससे याददाश्त कमज़ोर होना, एकाग्रता में कमी आना और सोचने-समझने की शक्ति पर बुरा असर पड़ने जैसी समस्या सामने आती है।
  • डिमेंशिया (भूलने की बीमारी): गंभीर मामलों में, शराब पीने से भूलने की बीमारी जिसे डिमेंशिया भी कहते है होने की सम्भावना बढ़ जाती है। इस स्थिति में व्यक्ति की मानसिक क्षमताएं तेज़ी से घटने लगती हैं।
  • न्यूरोपैथी: शराब हाथों और पैरों की नसों को नुकसान पहुँचा सकती है, जिससे उनमें सुन्नपन, झुनझुनी या दर्द महसूस हो सकता है।

4. पाचन तंत्र की समस्याएं

शराब का अत्यधिक सेवन पाचन तंत्र को भी प्रभावित करती है, जिससे भोजन को पचाने और पोषक तत्वों को अवशोषित करने की प्रक्रिया बाधित होती है:

  • गैस्ट्राइटिस: यह पेट की अंदरूनी परत में सूजन की स्थिति होती है, जिससे पेट में दर्द, जलन और मतली हो सकती है।
  • अग्नाशयशोथ (Pancreatitis): यह अग्न्याशय (पेट के पीछे स्थित एक ग्रंथि जो पाचन एंजाइम बनाती है) में सूजन होती है। यह बहुत दर्दनाक हो सकती है और भोजन पचाने की क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है।
  • कुपोषण (Malnutrition): शराब विटामिन, खनिज और अन्य पोषक तत्वों के अवशोषण को बाधित करती है। इसका परिणाम यह होता है कि नियमित और संतुलित भोजन लेने के बावजूद भी शरीर को आवश्यक पोषण नहीं मिल पाता, जिससे कमजोरी, वजन घटना और रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ जाती है।

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5. कैंसर का खतरा बढ़ना: 

इसका एक बहुत बुरा असर यह होता है की यह कैंसर जैसी समस्या को बढ़ा देता है। शराब को कई प्रकार के कैंसर से सीधे तौर पर जोड़ा गया है। इसका मतलब है कि शराब पीने से इन कैंसर के होने की संभावना बढ़ जाती है:

  • मुंह और गले का कैंसर: शराब पीने से मुंह, जीभ, तालू और गले में कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • एसोफैगस (भोजन नली) का कैंसर: शराब भोजन नली की अंदरूनी परत को नुकसान पहुँचाती है, जिससे कैंसर हो सकता है।
  • लिवर कैंसर: अत्यधिक शराब लिवर को स्थायी रूप से क्षति पहुँचाती है, जिससे लिवर कैंसर होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
  • स्तन कैंसर: महिलाओं में शराब का सेवन स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ाता है, भले ही वे थोड़ी मात्रा में ही क्यों न पीती हों।
  • कोलोरेक्टल कैंसर (बड़ी आँत का कैंसर): शराब बड़ी आँत और मलाशय में कैंसर विकसित होने के जोखिम को भी बढ़ाती है।

6. प्रतिरक्षा प्रणाली का कमजोर होना: 

शराब शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को कमजोर कर देती है। इससे संक्रमण जैसे निमोनिया, टीबी और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, और व्यक्ति बार-बार बीमार पड़ने लगता है।

कुछ मामलों में, शराब छुड़ाने के लिए ली जाने वाली दवाएं भी इम्यून सिस्टम को प्रभावित कर सकती हैं, इसलिए इन्हें डॉक्टर की निगरानी में लेना जरूरी है।

नोट: यह जानकारी आपको शराब के नुकसान को समझने और समय रहते जरूरी कदम उठाने में मदद करेगी। यदि आप या आपका कोई जानने वाला शराब की लत से जूझ रहा है, तो दवा लेने के साथ-साथ विशेषज्ञ से सलाह लेना सबसे सही और सुरक्षित उपाय है।

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समय रहते कैसे रोकें: शराब छोड़ने की दवा और अन्य प्रभावी तरीके

शराब की लत से बाहर निकलना एक चुनौती भरा सफर हो सकता है, लेकिन यह असंभव नहीं है। यदि आप शराब छोड़ने की दवा या अन्य प्रभावी तरीकों की तलाश में हैं, तो सही जानकारी होना बहुत ज़रूरी है।

1. डॉक्टर से सलाह लें (Consult a Doctor)

शराब छोड़ने का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना। वे आपकी स्थिति का आकलन कर सकते हैं और आपको सही मार्ग दिखा सकते हैं। वे आपको डीटॉक्सिफिकेशन प्रक्रिया के बारे में बता सकते हैं और यदि आवश्यक हो, तो शराब की दवा या अन्य चिकित्सा सहायता का सुझाव दे सकते हैं।

2. शरब छुड़ाने की मेडिसिन दवा

कुछ दवाएं हैं जो शराब की लालसा को कम करने या शराब पीने पर असहज प्रभाव पैदा करने में मदद कर सकती हैं। इन्हें अक्सर शराब बंद करने की दवा’ के रूप में जाना जाता है। 

कुछ दवाएं निम्नलिखित है :

  • एडिक्शन किलर (Addiction Killer ): यह पूर्ण रूप से आयुर्वेदिक तत्वों से निर्मित है। इसमें अश्वगंधा, आंवला, गिलोय जैसे कई तत्व सम्मिलित हैं जो इसे उपयोग के लिए सुरक्षित बनाते हैं।  यह प्राकृतिक रूप से आपको नशे से मुक्ति दिलाने, बॉडी डेटॉक्स करने के साथ -साथ लिवर और आँतों के स्वास्थय को सुधारने में सहायता करती है।  यह पूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर करने में भी समर्थन देती है।  
  • डाईसल्फिरम (Disulfiram): यह दवा शराब पीने पर मतली, उल्टी, सिरदर्द और चेहरे पर लालिमा जैसे अप्रिय लक्षण पैदा करती है जिससे शराब पिने की इच्छा कम होने लगती है। यह शराब पीने से बचने के लिए एक मजबूत निवारक के रूप में काम करती है। 
  • नाल्ट्रेक्सोन (Naltrexone): यह दवा शराब पीने से मिलने वाले सुखद प्रभावों को रोकने का कार्य करती है, जिससे शराब की लालसा कम हो जाती है।
  • एकेम्प्रोसेट (Acamprosate): यह दवा शराब छोड़ने के बाद होने वाले शारीरिक और भावनात्मक असंतुलन को ठीक करने में मदद करती है, जिससे वापसी के लक्षण और लालसा कम होती है।

नोट: इन दवाओं का सेवन केवल डॉक्टर की सलाह पर और उनके मार्गदर्शन में ही किया जाना चाहिए एवं किसी प्रकार का दुष्प्रभाव दिखने पर तुरंत बंद कर दें।   

निष्कर्ष

शराब की आदत धीरे-धीरे शरीर को कमजोर करती है। इससे लिवर, दिल, ब्लड प्रेशर, पाचन, मानसिक स्वास्थ्य और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ता है। समय रहते रोकथाम से इनसे बचा जा सकता है।

शराब का असर धीरे-धीरे बढ़ता है, इसलिए इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। अगर आप छोड़ना चाहते हैं, तो आज ही कदम उठाएं। आप ऊपर बताए गए उपायों के साथ Addiction Killer जैसी आयुर्वेदिक दवा का सहारा ले सकते हैं, जो बिना साइड इफेक्ट के लत को धीरे-धीरे कम करती है।

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